सरासर इत्तिफ़ाक़ी मौत थी उस ने कहा था मुझ को जाना है सो वो ऐसे गया जैसे ज़मीं से घास जाती है सरासर इत्तिफ़ाक़न पाँव चलने के लिए होते हैं इतना तो सभी तस्लीम करते हैं तो ऐसे में अगर मिट्टी की उर्यानी शिकायत-गर भी हो जाए तो उस पर और मिट्टी डाल देते हैं सो हम ने डाल दी मिट्टी-पे-मिट्टी इत्तिफ़ाक़न ये तो होता है सरासर इत्तिफ़ाक़ी हादिसा था उस ने ख़ुद लिखा था दुनिया बीच आना इत्तिफ़ाक़ी अम्र है जाना सरासर हादसाती तो उस पर तो अदालत ने भी कुछ हुज्जत नहीं की उस ने ख़ुद लिखा था हुज्जत नफ़सियाती आरिज़ा है सो अदालत ने बिला तफ़तीश उसे जाने दिया जैसे ज़मीं से घास जाती है सरासर इत्तिफ़ाक़न बिल-उमूम ऐसा ही होता है हमेशा इत्तिफ़ाक़न