लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी अब तो न्यूयॉर्क में हो सुब्ह ख़ुदाया मेरी तेरी रहमत से अगर मेरा भी वीज़ा लग जाए मेरी इज़्ज़त मिरी शोहरत में इज़ाफ़ा हो जाए हो मिरा काम हर इक देसी के हत्थे चढ़ना आधी तनख़्वाह पर हँस हँस के गुज़ारा करना ज़िंदगी हो मिरी इक बैल की सूरत या-रब सोला घंटे मैं करूँ रोज़ मशक़्क़त या-रब मेरे अल्लाह इमीग्रेशन से बचाना मुझ को जो हो महफ़ूज़ उसी रस्ते पे चलाना मुझ को मियाँ 'हम्माद' भी उस मुल्क में रहते हैं कहीं हो सके तो कभी उन से भी मिलाना मुझ को