एक शख़्स By Nazm << आगही के वीराने गर्मी की छुट्टियाँ >> एक धुंदली सी तस्वीर को अपने सीने से कस कर लगाए हुए शहर की सब से ऊँची इमारत पे हो कर खड़ा लहजा ख़ामोश करते हुए धुंदली तस्वीर के कान में सिर्फ़ इतना कहा तुम बहुत ही हसीं हो जवाँ हो मगर तुम से भी इस जहाँ में हसीं मौत है Share on: