वा'दा By मोहब्बत, इश्क़, लव, Nazm << ज़ख़्म उस तरफ़ >> सूरज के गोले को मुट्ठी में भेंच कर वा'दा करता हूँ जब तक पूरे का पूरा अंगार तुम्हारे चेहरे में नहीं बदलता तब तक दुनिया में शाम ही होगी और न मेरी हथेली के घाव ही भरेंगे Share on: