फ़स्ल काश्त कर लूँ तो तुम्हारी ख़बर लेता हूँ फ़स्ल काश्त न करूँ तो भूके मर जाएँगे मेरे बच्चे और तुम्हारे भी बंजर हो जाएगी ये धरती गिर जाएँगी दीवारें मेरे आँगन की खुल जाएँगे जानवर अपने खूंटे से उड़ जाएगी रंगत मेरे चेहरे की छिन जाएगी मुस्कुराहट मेरी बीवी की खो जाएगी चमक उस की आँखों से हो जाएँगे मिट्टी मेरे ख़्वाब फ़स्ल काश्त करने तक खींच सकते हो तनाबें मेरे दिल की काट सकते हो मेरी गर्दन उजाड़ सकते हो मेरी ज़िंदगी ढा सकते हो तुम हर ज़ुल्म