हमें बसारत से महरूम कर दिया गया है या मंज़र से हुस्न ग़ाएब हो गया है एक ला-मुतनाही स्याह पर्दा है जिस से मातमी लिबास तय्यार किया जा सकता है और एहतजाजी पट्टियाँ बनाई जा सकती हैं हमें एक सूरज दरकार है जिस से मोअ'त्तल बहार के फूल खिलाए जा सकें जहालत के पर्दे में छुपा एक दिन तुलूअ' हो सके ऑक्सीजन ख़त्म होने से पहले हमें नए दरख़्त लगाने हैं पुराने दरख़्तों को ऐवान-ए-सद्र की ता'मीर में इस्ति'माल किया जा सकता है हमें गुज़िश्ता से ज़ियादा आइंदा की फ़िक्र करनी चाहिए इसी आइंदा में हमारे बच्चों को ज़िंदा रहना है