गहराइयों का ख़ौफ़ By Nazm << मेरे अंदर हवाएँ चलती हैं फ़ितरत की सहर-taraaziyaa.... >> बहुत आसाँ नज़र आया हमें उस रोज़ अपना पानियों पर तैरते रहना किसी ने जब कहा गहराइयों में डूब कर देखो कि अंदर क्या है तो हम डर कर समुंदर के किनारे की तरफ़ लपके Share on: