घर की याद By Nazm << मैं नहीं चाहता कुंदन >> लौट रहा था फूलों की घाटी से जब सवार था मैं जिस घोड़े पर वो लुढका मैं ने सोचा उसे भी शायद घर की याद ने घेर लिया है! Share on: