गुड़िया हमारी जवान है अब उस की शादी का ध्यान है अच्छा सा गुड्डा दिखाओ जी रिश्ता कोई अच्छा लाओ जी गुड़िया है अठारह साल की मालिक है हुस्न-ओ-जमाल की ता'लीम भी उस ने पाई है और मेहनती इंतिहाई है गुड्डा हो इक्कीस साल का ख़ुश-ख़ुल्क़ अच्छे ख़याल का गोरा हो या साँवला हो वो क्या देखना उस के रंग को करता न हो वो नशा कोई करता हो धंदा या नौकरी पाँव पे अपने खड़ा हो वो अच्छा सँभाले जो बीवी को हो फ़िक्र उस को समाज की और अपने भी काम काज की लालच कभी न हो जहेज़ की ऐसा कोई गुड्डा लाओ जी गुड़िया का हक़ जो अदा करे अपने बराबर का दर्जा दे हर बात अगर तुम ने मान ली ठहरा लो तारीख़ अक़्द की