गुम-शुदा रिवायतें By Nazm << ज़ुल्मात तहज़ीब की आयत >> साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों की वो मछलियाँ वो तड़पती हुई मछलियाँ ख़ूब-सूरत थीं और एक दिन वो उन्हें मार कर खा गए साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ झीलों में अब ख़ून की धार है Share on: