एक शाइ'र की ज़िंदगी का तज्ज़िया करना इंतिहाई मुश्किल है कि वो ख़ुश है या ना-ख़ुश हँसता है या रोता है या रोते में हँसता है कुछ भी फ़ैसला अंदाज़ अंदाज़ में कहा जा सकता कि कुछ कहने से पहले क्या सोचता है कमरे की चार-दीवारी में मरना निहायत आसान है मगर लफ़्ज़ों की इस गूना-गूँ दुनिया में एक शाइ'र की ज़िंदगी का तज्ज़िया करना इंतिहाई मुश्किल है कि वो ज़िंदा है या मर चुका है