हम वक़्त के सहरा में By Nazm << मैं ने देखा एक नज़्म >> हम वक़्त के सहरा में उड़ते हुए बादल हैं किस वक़्त मिलें कब तक हम साथ रहें क्या हो शायद किसी झोंके से मिलने को तरस जाएँ बेहतर है यहीं आओ इक साथ बरस जाएँ Share on: