हिन्दोस्तान प्यारा प्यारा वतन हमारा ये जान है हमारी ये तन-बदन हमारा इस की ज़मीं निराली इस का फ़लक निराला इस देस का हो या-रब दुनिया में बोल-बाला मंज़र यहाँ हुवैदा कुल काएनात के हैं दरिया यहाँ के क्या हैं चश्मे हयात के हैं सरसब्ज़ वादियाँ हैं शादाब हैं बयाबाँ क्या ख़ूब हैं यहाँ के जंगल पहाड़ मैदाँ प्यारी हैं मोहनी हैं दिन-रात की बहारें दिल को लुभा रही हैं बरसात की बहारें दुनिया में सब से ऊँचा पर्बत हिमालिया है इस से वतन हमारा दुनिया से बढ़ गया है हर चीज़ है निराली हर शय में बाँकपन है हिन्दोस्तान नहीं है जन्नत का ये चमन है काली घटाएँ इस की ख़ुशियाँ बढ़ा रही हैं ठंडी हवाएँ दिल की कलियाँ खिला रही हैं आओ वतन का बेड़ा कोशिश से पार कर दें फैलाएँ फिर जहाँ में हम नेक-नाम इस का दुनिया की हो नज़र में ऊँचा मक़ाम इस का हिन्दोस्ताँ का रुत्बा 'नय्यर' बहुत बड़ा है ज़र्रा भी इस ज़मीं का ख़ुर्शीद से सिवा है