मैं ने हवाओं का गीत सुनना चाहा मगर सुन न सका गीत-बाज़ारी भाव-ताव से कतराते हैं और यहाँ वहशत-ज़दा आवाज़ों में से तरन्नुम की अलैहदगी का कोई बंदोबस्त नहीं जब मैं सोया हुआ था हवा भूके बच्चों की लोरी बन गई थी मैं हवा को मोअ'त्तर महसूस करना चाहता हूँ मगर ये हमेशा झुलसी हुई लाशें ढूँड लेती है ये तपती हुई लौ में और सर्दियों की उदास ठिठुरती हुई शाम को लोगों के फटे हुए कपड़ों में घुस जाती है हवा एक बेहतरीन ख़तीब है जब हम गर्म या सर्द होने लगें ये तक़दीर के अल्फ़ाज़ बन कर हमारे कानों में छुप जाती है हवा एक क़लम है जो पुरानी कहानी में हर रोज़ नए किरदार गाड़ देता है