हिजरत By Nazm << शिकस्त-ए-सबा लफ़्ज़ लफ़्ज़ दुआ >> अमीक़ हनफ़ी की वफ़ात पर मैं ने पूछा ये क्या हक़ीक़त है मौत भी रूह की हिफ़ाज़त है हँस के उस पीर ने जवाब दिया एक बस्ती से दूसरी बस्ती तेरी हिजरत है मेरी हिजरत है Share on: