गली गली बाज़ार में हो गई रंगों की बौछार आँचल भीगे तन मन भीगा गाल हुए गुलनार कितनी उमंगें ले कर आया होली का त्यौहार आया होली का त्यौहार ले के रंगों की बहार मंज़र हुए रंगीले रंगों से ग़ुबारे भर कर बच्चे चढ़े अटारी सब्ज़ा सब्ज़ा रंग में डूबा भीगी डारी डारी कोई न बचने पाया उन से पंडित हो कि पुजारी आया होली का त्यौहार ले के रंगों की बहार मंज़र हुए रंगीले ढोल बजाएँ गाएँ नौकर हों कि वो ब्योपारी ढोलक की हर थाप पे नाचें होली में नर-नारी खेलें कूदें धूम मचाएँ और मारी पिचकारी आया होली का त्यौहार ले के रंगों की बहार मंज़र हुए रंगीले हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मिल कर खेलें होली आज के दिन सब भेद मिटा कर बोलें मीठी बोली सब ने होली के रंगों से दिल की कालक धोली आया होली का त्यौहार ले के रंगों की बहार मंज़र हुए रंगीले