हुस्न मंज़र में नहीं है By Nazm << गुरेज़ मीरास >> हुस्न मंज़र में कहाँ है ये हमारे मन की आँखों में कहीं है मन की आँखें खुल सकें जो तो हर इक मंज़र हसीं है हुस्न मंज़र में नहीं है Share on: