ईद-ए-मुबारक आई है सच्ची ख़ुशियाँ लाई है अम्मी हम को ईदी दो ईद हँसाने वाली है जेब हमारी ख़ाली है अब्बा हम को ईदी दो सारे रोज़े ख़त्म हुए पहले पैसे हज़्म हुए आपा हम को ईदी दो ईदी है ये भीक नहीं टाल के जाना ठीक नहीं भय्या हम को ईदी दो अम्मी की माँ जाई हो सिर्फ़ सिवय्याँ लाई हो ख़ाला हम को ईदी दो घर में गाड़ी घोड़ा है जो कुछ भी दो थोड़ा है मामूँ हम को ईदी दो आज नहीं पढ़ने का ग़म आज बड़े नव्वाब हैं हम नानी हम को ईदी दो उम्दा कपड़े पहने हैं कपड़ों के क्या कहने हैं नाना हम को ईदी दो कंजूसी को जानते हैं बातों से कब मानते हैं दादी हम को ईदी दो