दिल-ए-पज़-मुर्दा को गुलज़ार कर लूँ मोहब्बत को गले का हार कर लूँ जवानी हुस्न से सरशार कर लूँ इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ मुझे दुनिया की दौलत दे रहा है ये पैग़ाम-ए-मसर्रत दे रहा है तुम्हारा हुस्न दावत दे रहा है इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ तमन्नाओं के बादल छा रहे हैं जवानी को मिरी तड़पा रहे हैं मिरे जज़्बात उमडे आ रहे हैं इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ गुलाबी आँख में डोरे पड़े हैं पपोटे भी तो बोझल हो रहे हैं पता दिल का तुम्हारे दे रहे हैं इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ है मेरी जान तिश्ना दिल है प्यासा मुझे देखोगे यूँ कब तक तड़पता करम अब तो करम मुझ पर ख़ुदारा इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ उठा दीजे बस अब पर्दा हया का है दिल का ये तक़ाज़े पर तक़ाज़ा ज़रा सी हाँ से बन जाएगी दुनिया इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ तुम्हारे हुस्न में ताबिंदगी है सितारों जैसी इस में रौशनी है कशिश है और इस में दिलकशी है इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ मिली है मुद्दतों में मुझ को ख़ल्वत बड़े अर्से में जागी है ये क़िस्मत बना दो मेरे ग़म को अब तो राहत इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ मिरी बेहद तबीअत चाहती है हमेशा की ये दौलत चाहती है तुम्हारी बस इजाज़त चाहती है इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ तुम्हारा रूप आफ़त ढा रहा है ये इक अरमान बनता जा रहा है मिरे पहलू में दिल ललचा रहा है इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ मोहब्बत ने मचा दी दिल में हलचल किया है ज़ब्त ने बेताब बेकल बस ऐ रूह-ए-रवान-ए-शौक़-ए-'अफ़ज़ल' इजाज़त हो तो तुम को प्यार कर लूँ