मेरे बालों में चाँदी उतर आई है.... प्यारे बाबा! में कुछ बाल तोड़ूँ? कि हम उन को बेचेंगे.... फिर जो रूपे होंगे, उन से जहेज़ और शादी की तय्यारियाँ हो सकेंगी.... मैं यूँ आप का रोज़ बुझता हुआ, और मुरझाया चेहरा नहीं देख पाती.... सुनें! मेरे बालों में चाँदी उतर आई है