मैं बे-क़ीमत तुम बे-क़ीमत फिर ये अपनी इश्क़-कहानी कौन सुनेगा सब के अपने अपने क़िस्से सब की अपनी अपनी बातें सब की अपनी अपनी सोहबत सब की अपनी अपनी रातें सब के ग़म बस ज़ाती ग़म हैं सब की ख़ुशियाँ ज़ाती ख़ुशियाँ हम कहते हैं वो बे-क़ीमत वो कहते हैं हम बे-क़ीमत ऐसे में किस किस की कहानी किस की ज़बानी कौन सुनेगा मेरी तुम्हारी इश्क़-कहानी कौन सुनेगा सब बे-क़ीमत