जाने क्या है By Nazm << जस्त हूक >> जाने क्या है मौत, क्या है ज़िंदगी चलते चलते कैसे थम जाती हैं तस्वीरें तमाम ख़ाक हो जाती है फिर से मुश्त-ए-ख़ाक गाहे गाहे संग हो जाते हैं चेहरों के नुक़ूश अपने अपने ज़ाविए पर मुंजमिद दम-ब-ख़ुद रहते हैं महव-ए-इंतिज़ार Share on: