ज़िद By Nazm << अजनबी ख़त-ओ-ख़ाल ज़ब्ह >> ज़िद उसे भी है ज़िद मुझे भी है हमारा प्यार दोनों हाथों में ज़िद की बाल्टियां उठाए सीढ़ियाँ चढ़ रहा है Share on: