सारे वतन के राज दुलारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे भारत माँ की आँख के तारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे बुनियादी ता'लीम के बानी हुब्ब-ए-वतन की ज़िंदा कहानी इल्म के दरिया अम्न के धारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे मा'मूली उस्ताद से बढ़ कर बन गए सारे मुल्क के रहबर ग़म से कभी हिम्मत ही न हारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे देख के तेरी जेहद-ए-मुसलसल छट गए ख़ुद ही दुख के बादल फूल बने ग़म के अंगारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे गाँधी जी के राज़ के महरम और जवाहर लाल के हमदम अम्न-ओ-अमाँ के पालन-हारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे आज़ादी के दीप जलाए तू ने वतन से दूर भगाए अहद-ए-ग़ुलामी के अँधियारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे मुश्तरका तहज़ीब के मज़हर इज्ज़-ओ-ख़ुलूस अख़्लाक़ के पैकर सब की उम्मीदों के सहारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर प्यारे तू है वतन का रहबर सच्चा क्यों न वतन का बच्चा बच्चा नाम तिरा इज़्ज़त से पुकारे सद्र-ए-हुकूमत ज़ाकिर पियारे