कभी कभी By Nazm << सवारी ऊँट की है ज़िंदगी या तवाइफ़ >> रात को आँख खुल जाती है तो सोचता हूँ सब बराबर है?! मैं और मेरा घर बीवी बच्चे लॉकर कोई चीज़ इधर उधर तो नहीं हुई! और फिर देर तक इस बात का अफ़्सोस करता हूँ कि मैं कितना बिखर गया हूँ!! Share on: