कल शाम टीवी पर बदलते वक़्त के मौज़ूअ पे तुम ने कही थीं जितनी भी बातें बड़ी दिलचस्प थीं वो और मुदल्लल भी इसी दौरान इक ख़्वाहिश हुई दिल में मिरी टेबल पे जो तस्वीर रहती है तुम्हारी और टी-वी पर दिखाई देने वाले चेहरे को इक बार देखूँ तो ज़रा लेकिन मिरी ऐनक कहीं गुम हो गई थी