कासनी By Nazm << तू ख़फ़ा हो तो बहुत दूर क... जिस्म के रास्तों से गुज़र... >> कासनी दुपट्टे के इन सुनहरे फूलों पर तुम ने हाथ क्या रक्खा उस के बा'द दुनिया ने जब भी मुड़ के देखा तो इस नगर की वो लड़की रौशनी लपेटे बस चाँदनी नज़र आई कासनी नज़र आई Share on: