फ़ारसी अरबी में गूँजी इस की सदा शान में बादशाहों की लिक्खा गया लफ़्ज़ों की शान-ओ-शौकत मिलेगी यहाँ बा-वक़ार इस का होता है बच्चो बयाँ है क़सीदे में तंज़ और तारीफ़ भी कैफ़ियत इस में होती है इक नज़्म सी इस में देखोगे तुम नक़्शा माहौल का पाओगे शे'रों में साया माहौल का सिंफ़ है इक पुरानी क़सीदा मियाँ ख़ास और आम की है ये ख़ुद तर्जुमाँ इस के अज्ज़ा में तश्बीब है और गुरेज़ मदह-ओ-ज़म मुद्दआ और दुआ नग़्मा-रेज़ माहिर-ए-फ़न न हो गर क़सीदा-निगार तो क़सीदा न लिक्खेगा वो शानदार है क़सीदे में सौदा का मशहूर नाम रूह-ए-सौदा को 'हाफ़िज़' हमारा सलाम