ज़िंदगी में कभी कभी एक ख़ला सा महसूस होता है जैसे शायद कोई काम होने से रह गया या कोई बात कही नहीं जा सकी एक एहसास-ए-ज़ियाँ होता है जो समझ में नहीं आता कहीं दूर दिल की गहराइयों से एक आवाज़ उठती हुई लगती है जो होना चाहिए था नहीं हुआ जो करना चाहिए था नहीं किया