ज़िंदगी के दो उसूल हैं एक प्यार एक ताक़त और प्यार बहुत बड़ी ताक़त है इंसानों ने मिल कर कोशिश की तो पहाड़ों से नहरें निकालीं सहराओं को गुलज़ार बनाया और जब वो एक दूसरे के ख़ून के प्यासे हुए तो हँसते बस्ते शहरों को खंडरों में तब्दील कर दिया इंसान को इंसान बनाया मोहब्बत ने हमदर्दी ने हैवान सिर्फ़ ताक़त की ज़बान समझता है गधों पर सिर्फ़ डंडे पड़ते हैं यही उन के लिए इज़्ज़त का मेआ'र है जो प्यार की ज़बान समझता है काम वो भी करता है लेकिन प्यार से इज़्ज़त से