ख़ामोशी By Nazm << उठेंगे मौत से पहले नूह के बा'द >> जाने कितनी आवाज़ों का ख़ून बहा कर चैन से सोई है कमरे में ख़ामोशी अब कोई आवाज़ न करना चुप रहना एक भी हर्फ़ अगर ग़लती से तेरे लबों से छूट गया और गिर कर फ़र्श पे छन से टूट गया तो तड़प तड़प कर मर जाएगी ख़ामोशी Share on: