दाइम तो फ़लक नज़दीक नहीं रहता तो अब तू हाथ बढ़ाता है और तारे तोड़ता जाता है जब दूर मगर इक दिन ये फ़लक हो जाएगा तब क्या इस को समझाएगा ये भी तो मुमकिन है लेकिन इस वक़्त दरीदा ख़ुद उस का भी दामन हो और वो ख़ुद भी ये जानती हो कि आख़िर वो दिन आता है जब दूर फ़लक हो जाता है