ख़याल By Nazm << काज़िब फ़रार मशवरा >> तुम एक ख़ूबसूरत ख़याल हो जिसे मैं हमेशा सँभाल कर रखती हूँ और अक्सर तन्हाई में थक कर तुम्हारे ख़याल से सरापा सवाल बन कर लिपट जाती हूँ Share on: