ख़्वाब ख़्वाब पूरे नीले चाँद की ठंडी रौशनी दूर ज़रा इक उजला मंदिर और मंदिर के पास रुकी हुई नमनाक फ़ज़ा नमनाक फ़ज़ा और ख़्वाब ख़्वाब पूरे नीले चाँद की ठंडी रौशनी मंदिर के पास साया साया फिरती हवा कुछ थके हुए दरवाज़ों और दरीचों में इक तन्हा चाँद नीला चाँद नीली नीली रौशनी ऊद की ख़ुशबू चाँद को पीती आती जाती फिरती हवा रुकती हवा तीन दरीचे दो दरवाज़े बंद कहाँ ऊद की ख़ुशबू दूर-दूर फैली ठहरी हुई नीली सी फ़ज़ा नीली सी हवा जो मोहर-ब-लब ख़्वाब ख़्वाब उजला मंदिर तन्हा चाँद ऊद की ख़ुशबू दूर दूर कोहरा कोहरा फैली शहर के वीराने में आख़िर खोया कौन