कोई बात नहीं By बाल कविता, Nazm << दूरी मेरा दुश्मन >> दाँत बड़े हों तो भी कोई बात नहीं कान खड़े हों तो भी कोई बात नहीं डाँट पड़ी हो तो भी कोई बात नहीं धूप कड़ी हो तो भी कोई बात नहीं उधम बड़ा हो तो भी कोई बात नहीं कोई लड़ा हो तो भी कोई बात नहीं बच्चों का घर में आने दो धूमें उन को मचाने दो Share on: