धोबी नाई शैख़ वडेरे कुर्सी के मतवाले देखे अशराफ़ों की बात न पूछो सब के मुँह पर ताले देखे कुर्सी के शैदाई यारो मशरिक़ मग़रिब वाले देखे उस की धुन में जान से जाते अक्सर गोरे काले देखे कुर्सी को मज़बूत न कहना बात बड़ी मुँह छोटा सा है कुर्सी तोड़ तमाशा करते अक्सर लड़के बाले देखे कुर्सी हासिल कर लेना भी ऐसी-वैसी बात न समझो कुर्सी को हसरत में झुकते बड़े बड़े जी वाले देखे काली पीली मुश्की कुर्सी हुस्न के दिल की धड़कन ठहरी उस के आगे पीछे हम ने आफ़त के पर काले देखे गुल खिलते गुल उगते देखे मयख़ाने के अंदर बाहर साक़ी देखा मीना देखी बादा देखा प्याले देखे घर वाले जी छोड़ चुके जब जकड़ पकड़ के तूफ़ानों में घर के अंदर जगह जगह पर मकड़ी देखी जाले देखे आज असेंबली हॉल के बाहर अहल-ए-नज़र का मेला देखा मेम्बर ख़ातूनें भी देखीं और उन के घर वाले देखे बड़े बड़े सरमाया वाले दूल्हा बन कर कुर्सी लाए छोटे-मोटे नौ-दौलतिये कुर्सी के शह-बाले देखे कुर्सी पा कर अपने 'ज़ैदी' अपनों से कैसे मिलते हैं आँखें रखने वाला कोई मेरे दिल के छाले देखे