वक़्त उस को ही प्यार करता है जो उसे पुर-वक़ार करता है वक़्त जा कर कभी नहीं आता ये भला किस से प्यार करता है जो भी करना है बस वो कर गुज़रो वक़्त कब इंतिज़ार करता है खो दिया जिस ने वक़्त को बे-कार उम्र भर दुख शुमार करता है वक़्त का हो गया है जो पाबंद अक़्ल वो इख़्तियार करता है वक़्त गर आदमी का अच्छा हो हर कोई ए'तिबार करता है वक़्त जिस का ख़राब हो जाए उस को ये ज़ार ज़ार करता है वक़्त का ए'तिबार मत करना वक़्त कब ए'तिबार करता है वक़्त की हर बहार है 'अबरार' वक़्त हर पल बहार करता है