क्या ख़ूब मुरमुरे हैं By Nazm << पंद्रह अगस्त बच्चों की मुस्कान >> ख़स्ता हैं भुरभुरे हैं क्या ख़ूब मुरमुरे हैं हो शाह या क़लंदर बेहतर हो या हो कहत्तर बाज़ार से मंगाए देखो जिसे वो खाए हो क्यों न बोल बाला दिल्ली का है मसाला नमकीन हूँ कि सादा देना हमें ज़ियादा सोंधे हैं कुरकुरे हैं क्या ख़ूब मुरमुरे हैं Share on: