वहशत की अमावस में तुम्हारी याद छुपी है और तुम्हारी याद में बहुत सारे ख़ौफ़ बिल्कुल अचानक बग़ैर किसी वज्ह के सीने में धड़धड़ाते दिल को साकित-ओ-जामिद करने वाले ख़ौफ़ ये वो ऐसे वैसे अच्छे बुरे मारने वाले तोड़ने वाले ख़ौफ़ भयानक क़िस्म के ख़ौफ़ अजीब क़िस्म के ख़ौफ़ केंचुली बदलने वाले ख़ौफ़ और पता नहीं कैसे कैसे ख़ौफ़ तुम ने सुना नहीं मैं तुम से मोहब्बत कर के बहुत से ख़ौफ़ों में घिर गई हूँ मैं थक गई हूँ