बहुत ख़ूबसूरत ख़ुशनुमा हँसते मुस्कुराते गाते गुनगुनाते वो धड़कते लम्हे जीते जागते लम्हे यक-ब-यक एक दिन हो गए रू-ब-रू पुरानी किताब के पन्ने में दबे हुए लेकिन ये क्या ताज़ा गुलाबों से भी ज़ियादा महक रहे थे ये इन सूखे हुए फूलों से आ रही थी गुज़रे हुए पलों की ताज़ा ख़ुश्बू