मेरा भारत कितना प्यारा दिलकश लगता भाई-चारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई भाई लोहड़ी और बसंत मनाएँ आग जलाएँ फूल खिलाएँ लाट यहाँ है ताज यहाँ है अच्छा एक समाज यहाँ है हाथ हैं अपने ताली अपनी होली और दीवाली अपनी जो कुछ कहती हम से अज़ाँ है घंटी की भी वही ज़बाँ है दीवाली पर दीप जलाते मिल कर सब हैं ईद मनाते ईद यहाँ होती है हर दम ख़ुशियों की बारिश है छम-छम हर त्यौहार है सब का अपना सच है ये तो नहीं है सपना आओ मिल कर धूम मचाएँ अपने देश को मिल के सजाएँ