मेरे बिस्तर में दीपक की तरह मेरे साथ कौन जलता है कौन है जो मेरे साथ दूर बहुत दूर तक जलता है मेरे ग़मों के साथ मेरी हड्डियों में उतरता है कौन है गए रात जो मेरे शानों पे सर रख मुझ को बड़े प्यार से कहता है ठीक है सब ठीक हो जाएगा क्यूँकि तुम अकेले तो नहीं हो