दस रूपए फ़ी बोतल पानी हक्का-बक्का रह गई नानी अपना बचपन याद किया तो अर्ज़ानी सी थी अर्ज़ानी बारह आने सेर असली घी ग्यारह आने तोला चाँदी केले थे दो पैसे दर्जन चावल पाँच आने पंसेरी बाइस्कोप टिकट एक आना एक अठन्नी का पाजामा स्कूलों में फ़ीस नहीं थी कॉलेज दो रूपए माहाना नाना की तनख़्वाह जो पूछी कुल पैंतालीस रुपया निकली पैंतालीस हज़ार के लग-भग पाते हैं अब्बू और अम्मी