मिरे बंद कमरे की तन्हाइयों को By Nazm << नज़्म मैं ने मुस्तक़बिल की ख़ात... >> मिरे बंद कमरे की तन्हाइयों को तिरी याद की चूड़ियों की खनक आ के पहनाती है नग़मगी का लिबास Share on: