मैं क्या चाहता हूँ मैं क्या चाहता हूँ हर इक चीज़ को भूलना चाहता हूँ मिरी चाह को देख क्या चाहता हूँ क़सम चाहता हूँ जफ़ा चाहता हूँ मोहब्बत में तेरी मिटा चाहता हूँ फ़ना हो के लुत्फ़-ए-बक़ा चाहता हूँ वही प्यारी प्यारी अदाएँ तुम्हारी मैं इक बार फिर देखना चाहता हूँ मदद अल-मदद बे-ख़ुदी-ए-मोहब्बत मैं अपने तईं ढूँढना चाहता हूँ तिरी चाह का चाह कहते हैं जिस को उसी चाह में डूबना चाहता हूँ मुझे 'नूर' है दर्द-ए-दिल की तमन्ना मगर दर्द भी ला-दवा चाहता हूँ