मोहब्बत ऐसा चश्मा है जो सूखा ही नहीं करता मोहब्बत ऐसा पौदा है जो पतझड़ में भी फलता है मोहब्बत ऐसा दरिया है कभी बिफरा नहीं करता मोहब्बत ऐसा लम्हा है जो हमेशा अमर रहता है मोहब्बत ऐसा जज़्बा है जो मर कर भी नहीं मरता मोहब्बत ऐसा सपना है जो कभी पूरा नहीं होता मोहब्बत ऐसा बच्चा है कि जिस की ज़िद के आगे हर कोई मजबूर होता है