मोहब्बतों का ख़याल रखना By Nazm << आँसू भूल गए तुम >> मोहब्बतों का ख़याल रखना कहीं न ऐसा हो बे-ध्यानी में तुम हथेली को खोल डालो हवाएँ साज़िश पे आन उतरीं तो ख़ुश्क पत्तों सा हाल होगा गुलाब-रुत का ज़वाल होगा मोहब्बतों का ख़याल रखना Share on: