मुश्किल By Nazm << पहचान ख़याल >> मुझे कुछ देर सोना है ज़माने चीख़ते हैं मेरे कानों में ख़मोशी किस तरह होगी मिरी आँखों में सूरज आ बसे हैं रात कैसे हो Share on: