तुम्हारे जाने के बा'द रात के आख़िरी पहर चाँद ने कहा मैं उदास हूँ एक सितारे ने टूटते हुए कहा मैं उदास हूँ हवा ने दीवारों से सर टकराते हुए कहा मैं उदास हूँ बहार ने पीले फूलों में तब्दील होते हुए कहा मैं उदास हूँ शाम ने रात में ढलते हुए कहा मैं उदास हूँ मैं ने ऊँची आवाज़ में उन सब से कहा मैं उदास नहीं हूँ और रो पड़ा