ये गंदगी है कैसी आई है ये कहाँ से शहरों की ये ग़लाज़त आई है कैसे बह के दम घुट रहा है मेरा बदबू है जान लेवा गिरता है मुझ में आ के शहरों का गंदा नाला पाकीज़ा मुझ को कर दो कर के मिरी सफ़ाई मेरा भी फ़ाएदा है इंसाँ की भी भलाई तुम मुझ को साफ़ रख के ख़ुद भी सुखी रहोगे पानी जो साफ़ होगा बीमारी से बचोगे फ़रियाद बे-नवा की सुनता नहीं है कोई समझे जो मेरे दुख को ऐसा नहीं है कोई इस गंदगी से लोगो जल्दी मुझे निकालो ये नेक काम कर के माहौल को बचा लो